एम्स में देसी कोरोना वैक्सीन 'COVAXIN' का मानव ट्रायल शुरू

By: Pinki Fri, 24 July 2020 7:26:41

एम्स में देसी कोरोना वैक्सीन 'COVAXIN' का मानव ट्रायल शुरू

घातक कोरोना वायरस के खात्मे के लिए वैक्सीन बनाने का काम पूरी दुनिया में बड़े जोर-शोर से चल रहा है। इस बीच एम्स में आज से भारत में बनी कोरोना की वैक्सीन COVAXIN का मानव परीक्षण शुरू हो गया है। आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने मिलकर कोवेक्सीन को बनाया है। कुल 12 सेंटर्स में इसका ट्रायल चल रहा है।

इसका पहला डोज एक 30 वर्षीय व्यक्ति को दिया गया है। जिस व्यक्ति को वैक्सीन दी गई है, उसमें कोई दुष्परिणाम नहीं आए हैं। करीब 1:30 बजे वैक्सीन दी गई थी। 2 घंटे निगरानी करने के बाद व्यक्ति को उसके घर भेज दिया गया है। पहले फेज में 375 वॉलंटियर्स को कोवैक्सीन दी जाएगी। दिल्ली के एम्स अस्पताल में 100 वॉलंटियर्स पर कोवैक्सीन का ट्रायल होना है, इनमें से पहले 50 लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।

एम्स के वैक्सीन विभाग के प्रमुख डॉ संजय राय ने बताया कि आज सिर्फ एक व्यक्ति पर ही ट्रायल किया गया है। उसे घर जरूर भेज दिया है लेकिन अगले सात दिनों तक वह डॉक्टरों की निगरानी में ही रहेगा। राय ने बताया, ‘दिल्ली निवासी पहले व्यक्ति की दो दिन पहले जांच की गयी थी और उसके सभी स्वास्थ्य मानदंड सामान्य रेंज में पाए गए। उसे कोई अन्य बीमारी भी नहीं है। इंजेक्शन से 0।5 मिलीलीटर की पहली डोज उसे दोपहर 1:30 बजे के आसपास दी गयी। अभी तक कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखाई दिया है। वह दो घंटे तक देखरेख में है और अगले सात दिन उस पर निगरानी रखी जाएगी।’ डॉ संजय राय ने कहा कि पूरी उम्मीद है कि शुक्रवार को 5 वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के फेज-1 के ट्रायल में 100 लोगों को शामिल किया जाना है। इसके तहत शुरुआत में 10 लोगों को ही वैक्सीनेशन करेंगे। उनकी रिपोर्ट वैक्सीनेशन की निगरानी कर रही एथिक्स कमेटी को भेजी जाएगी। कमेटी के रिव्यू के बाद वैक्सीनेशन प्रोग्राम को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन का काम भी साथ-साथ चल रहा है। अब तक 3500 लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। सभी को अलग-अलग डेट में एम्स बुलाया जा रहा है और स्क्रीनिंग के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं।

तैयार किया गया क्लीनिकल एरिया

बताया जा रहा है कि एम्स में वैक्सीन के ट्रायल के लिए क्लीनिकल एरिया तैयार किया गया है। यह एरिया इमरजेंसी के पास बनाया गया है, ताकि वैक्सीन का तत्काल कोई रिएक्शन हो तो वॉलंटियर्स को तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जा सके। यह वैक्सीन दो डोज में दी जाएगी, इसलिए 24 जुलाई को जिन-जिन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, उन्हें 14 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। दिल्ली एम्स सहित देश के 12 सेंटरों में वैक्सीन का फेज-1 ट्रायल चल रहा है। इनका मुख्य मकसद सेफ्टी का आंकलन करना है। कुछ सेंटरों में वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है और वहां पर वॉलंटियर्स में अभी किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट्स नहीं पाए गए हैं, जो ट्रायल का पॉजिटिव संकेत है।

डैंग लैब को मिली जिम्मेदारी

आईसीएमआर और भारत बायोटैक द्वारा बनाई गई कोविड वैक्सीन के ट्रायल में शामिल होने वाले वॉलंटियर्स के स्क्रीनिंग यानी लैब जांच की जिम्मेदारी डैंग लैब को दी गई है। डैंग लैब के संस्थापक डॉक्टर नवीन डैंग ने कहा कि इस ट्रायल में स्क्रीनिंग की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली एम्स में ट्रायल में शामिल वॉलंटियर्स की जांच गुरुवार से की जा रही है। ट्रायल में शामिल होने वाले सभी 18 से 55 साल के लोगों की स्क्रीनिंग के लिए ब्लड सैंपल लिया जा रहा है और उन्हें डैंग लैब भेजा जा रहा है।

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